बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र बीए सेमेस्टर-3 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 चित्रकला प्रथम प्रश्नपत्र
प्रश्न- गांधार कला शैली के वर्ण विषय पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर -
गांधार कला शैली मूलतः हेलेनिस्टिक कला शैली से प्रभावित है लेकिन उसका वर्ण विषय मूल रूप से भारतीय है। अधिकांश कला विशारदों की अवधारणा रही है। गांधार कला का महत्त्व उस क्रान्तिकारी परंपरा में सन्निहित है जिसमें बुद्ध को अलौकिक देवत्व प्रदान कर उनकी मानव प्रतिमाएँ निर्मित हुई। बुद्ध के जीवन की विविध घटनाओं से सम्बद्ध मूर्तियाँ इस कला के केन्द्रीय विषय हैं। इस प्रकार गांधार - कला की विषय वस्तु में बुद्ध एवं बोधिसत्व की मूर्तियों के अतिरिक्त प्रस्तर फलकों पर बुद्ध के जीवन तथा उनके धर्म सम्बन्धी प्रमुख घटनाओं से युक्त दृश्यों को रूपायित किया गया है यथा मायादेवी की लुम्बिनी यात्रा, बुद्ध का जन्म, महाभिनिष्क्रमण, सम्बोधि, धर्मचक्रप्रवर्तन, महापरिनिर्वाण, बौद्ध, देवी-देवता, माया गौतमी, प्रजापति, ब्रह्मा, शक्र, मार, कुबेर आदि। इसके अतिरिक्त गांधार कला के अन्तर्गत कलाकारों ने ईरानी, यूनानी, रोमन और भारतीय अभिप्रायों को कला-निर्माण- विषय के अन्तर्गत अंगीकृत किया है। ईरानी अभिप्रायों में जाड़ियाल का अग्नि-मन्दिर, हिंगुकाल की देवी मानी और अनाहिता की मृण्मूर्तियाँ, जिनके सिर पर सितारों से युक्त मुकुट प्रदर्शित किया गया है, पंचयुक्त सिंह आकृति तथा कपि एवं मानव मस्तक वाले काल्पनिक पशु आदि हैं। यूनानी एवं रोमन अभिप्रायों में कोरिन्थियन आयोनियन और डोरिक शैली वाले स्तम्भ, मालाधारी, वामनाकृतियाँ, कामपुत्र के यक्ष, गुगुह्यक यक्ष, जल देवता, समूद्धि, श्रृंग आदि लिए हुए देवी दीमिश्रा, हारीति हापोक्रित, किन्नर, सेण्टार सिलेनस्ल, सैटर, समुद्री - देवता, एथिना या रोमा देवी आदि का अंकन किया गया है जो यूनानी एवं रोमन परम्परा एवं विश्वास से सम्बन्धित हैं। गांधार कला केन्द्र कापिशी में विदेशी कला का प्रभाव सूचित करने वाले अनेक ऐसे पात्र प्राप्त हुए हैं जिन पर यूनानी दृश्यों का अंकन हुआ है। यथा एकली और हेरा के युद्ध का दृश्य, बृहस्पति के गरुड़ द्वारा मैनीमीडी के अपहरण का दृश्य आदि। विदेशी शैली में बुद्ध की इहलौकिक एवं पारलौकिक प्रतिमाएँ समन्वय की प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करती है। अतः रोला महोदय का वक्तव्य ध्यातव्य हो जाता है कि गांधार कला में प्रधानता बुद्ध मूर्तियों की है किन्तु . पश्चिम एशियाई (हेलेनिस्टिक) मूल के अभिप्राय प्रयुक्त हैं।
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